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Saturday, April 16, 2011

जिले के शुक्लबाजार निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अनिरुद्ध द्विवेदी द्वारा फेसबुक पर की गई अपील के बाद अंशुल ने यह कदम उठाया। श्री द्विवेदी ने बताया कि कई अन्य अधिकारी व गणमान्य नागरिक भी अरुणिमा की मदद करने को तैयार हो गए हैं


परिवहन मंत्री ने दी 50 हजार की मदद
Story Update : Saturday, April 16, 2011    12:01 AM
अंबेडकरनगर। बदमाशों के धक्के से ट्रेन की चपेट में आकर अपना एक पैर गवां चुकी एथलीट अरुणिमा सिन्हा को लेकर प्रशासन का संवेदनहीन रवैया शुक्रवार को भी बरकरार रहा। हालांकि इस मामले में अमर उजाला द्वारा प्रशासनिक संवेदनहीनता को लेकर प्रकाशित की गई खबर के बाद परिवहन मंत्री ने ५० हजार रुपये की नगद सहायता दी है। इसके अलावा अन्य लोगों ने भी सहायता के लिए हाथ बढ़ाया है। एथलीट व वालीबाल में नाम कमाने वाली अरुणिमा सिन्हा को लेकर प्रशासन की संवेदना शुक्रवार को भी नहीं जागी। ऐसे समय में जबकि समूचे देश से उसे मदद को लेकर आवाज उठ रही है, तब भी स्थानीय प्रशासन की चुप्पी हैरान कर देने वाली है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक जिस घटना को लेकर अपनी संवेदना प्रकट कर चुके हैं और देश के खेल व रेलमंत्री तक मामले को लेकर गंभीर हों, उस मामले में प्रशासनिक अधिकारी परिजनों से मुलाकात तक का समय तीन दिन बीतने के बाद भी नहीं निकाल सके हैं। प्रशासन ने यह जानने की भी कोशिश नहीं की, कि क्या अरुणिमा के परिजनों को यहां पर किसी प्रकार की मदद की जरूरत है भी या नहीं। प्रशासन के इस रवैये की लोगों ने कड़ी आलोचना की है। सामाजिक कार्यकर्ता अजय मिश्र के मुताबिक अधिकारियों को सिर्फ कागजी खानापूर्ति व नेताओं की जी हुजूरी से ही फुर्सत नहीं है। कहा कि इस मामले में अधिकारियों के रवैये को लेकर शासन को कड़ा रुख अख्तियार करना चाहिए। उधर प्र्रशासन की संवेदनहीनता की विस्तृत खबर अमर उजाला द्वारा प्रकाशित करने के बाद परिवहन मंत्री रामअचल राजभर ने मदद की तरफ हाथ बढ़ाया। सदर विधायक होने के कारण अपनी जिम्मेदारी महसूस करते हुए उन्होंने न सिर्फ ५० हजार रुपये की नगद सहायता भिजवाया, वरन इलाज आदि में आने वाले सभी खर्च को वहन करने का भी भरोसा दिलाया। श्री राजभर ने दूरभाष पर अरुणिमा से बात कर उसका मनोबल भी बढ़ाया। इस बीच अयोध्या निवासी तमिलनाडु के कोयंबटूर म्युनिसिपल कारपोरेशन के कमिशनर अंशुल मिश्र ने भी अरुणिमा को आर्थिक मदद भेजी है। जिले के शुक्लबाजार निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अनिरुद्ध द्विवेदी द्वारा फेसबुक पर की गई अपील के बाद अंशुल ने यह कदम उठाया। श्री द्विवेदी ने बताया कि कई अन्य अधिकारी व गणमान्य नागरिक भी अरुणिमा की मदद करने को तैयार हो गए हैं। उधर, सदर एसडीएम अमृतलाल बिंद ने कहा कि प्रशासन पूरी स्थित पर नजर रखे है। यहां पर कोई परिजन मौजूद ही नहीं है। अरुणिमा के वापस लौटते ही उससे मुलाकात की जाएगी।

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