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Wednesday, October 20, 2010

अकेलापन

सार्त्र  ने कहा था कि ''अकेलापन मानव अस्तित्व का अनिवार्य हिस्सा है'' लेकिन जब अकेलापन हमें पल-पल तोड़ने में लग जाये,हमारे अटल इरादों के लिए चुनौती बन जाये,हर समय हमारी हिम्मत और हौसलों कि परीक्षा लेने लगे.तब हमें न टूटना है,न ही हारना,बल्कि और मजबूत इरादों के साथ जीवन में बहुत आगे जाने के लिए अपनी पीड़ा को मानव समाज के हित के लिए और बढ़ा देना है.और तब जिन्दगी से कहना है कि देखो तुम मुझे तोडना चाहती थी न,लेकिन मैं टूटुगा नहीं ,तुम्हारी दी हुई हर पीड़ा को चुनौती बनाकर,उसे आत्मसात करते हुए और आगे बढ़ता जाऊंगा,बहुत आगे.जिसे दुनिया कि कोई दीवार मुझे रोक नहीं पायेगी.

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