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Tuesday, January 25, 2011

लोकतंत्र को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी हर नागरिक की


राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने मंगलवार को चुनावों में धन के प्रभाव और बाहुबल के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया। निर्वाचन आयोग के हीरक जयंती वर्ष के समापन समारोह में राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस का शुभारंभ करते हुए कहा कि चुनावों के जरिए जनता अपने वैसे प्रतिनिधियों को चुनती है जो उसकी आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम हों। इसलिए चुनावों में धन के प्रभाव पर अंकुश लगाना जरूरी है जिससे कि वोटों की खरीद फरोख्त न हो।
उन्होंने कहा कि अगर मुफ्त में चीजें बांट कर और पेड न्यूज के जरिए मतदाताओं को प्रभावित करने की छूट दी गई तो वे अपने वास्तविक प्रतिनिधि का चुनाव नहीं कर सकेंगे। पाटिल ने कहा कि उम्मीदवारी की प्रक्रिया ऐसी बनाई जानी चाहिए कि आपराधिक चरित्र के लोग चुनावों में हिस्सा न ले सकें। राष्ट्रपति ने कहा कि देश में लोकतंत्र को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी हर नागरिक की है। लिहाजा चुनाव प्रक्रिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाने के लिए आयोग, जनता, उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को मिल कर काम करना होगा।
पहले राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर देशभर में 50 लाख से ज्यादा नए मतदाताओं को मतदाता फोटो पहचान पत्र (एपिक) दिए गए। इन मतदाताओं ने लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान करते हुए धर्म, जाति, भाषा और धन के लोभ से ऊपर उठ कर हर चुनाव में मतदान करने का संकल्प लिया। निर्वाचन आयोग का गठन देश के संविधान के लागू होने से एक दिन पहले 25 जनवरी, 1950 को किया गया था। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हर 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाने के विधि मंत्रालय के प्रस्ताव को पिछले बृहस्पतिवार को मंजूरी दी थी।

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर पांच युवाओं को एपिक देने के अलावा आठ जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को सर्वश्रेष्ठ चुनाव प्रक्रिया पुरस्कारों से सम्मानित किया। समारोह में मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी तथा आयुक्तों वीएस संपत और एचएस ब्रह्मा के अलावा लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, विधि एवं न्याय मंत्री एम वीरप्पा मोइली और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी भी मौजूद थीं। सोनी ने भारतीय चुनावों के 60 साल पर दूरदर्शन के सहयोग से बनाई गई लघु फिल्म की सीडी राष्ट्रपति को भेंट की।
चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि वह लोगों को चुनाव प्रबंधन का प्रशिक्षण देने के लिए एक संस्थान स्थापित करेगा। आयोग के हीरक जयंती समारोह में मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट का काम शुरू हो चुका है और यह तीन महीने में काम करना शुरू कर देगा। दूसरे देशों के साथ अपनी विशेषज्ञता साझा करने की इच्छा जताते हुए उन्होंने कहा कि संस्थान दूसरे देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों को भी प्रशिक्षण की सुविधाएं उपलब्ध कराए


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