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अमरीका-भारत परमाणु करार मंजूर कराने को दिए थे 10-10 करो़ड
नई दिल्ली। भारत-अमरीका परमाणु समझौते पर विश्वास-मत हासिल करने के लिए सरकार ने सांसदों की खरीद-फरोख्त की थी। विकिलीक्स ने अपने खुलासे में बताया है कि इसके लिए राष्ट्रीय लोकदल के सांसदों को 10-10 करो़ड रूपए दिए गए थे। विकिलीक्स के इस ताजा खुलासे के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा और वामदलों के सांसदों ने सरकार पर हमला बोल दिया है। इसे लेकर संसद में गुरूवार को जबर्दस्त हंगामा हुआ।
विकिलीक्स के मुताबिक जल डील पर मतदान में सिर्फ पांच दिन शेष रह गए थे, तो कांग्रेस के नेता सतीश शर्मा के सहायक नचिकेता कपूर वोटिंग में कुछ सांसदों को अपने पक्ष में करने के लिए भारी धनराशि की व्यवस्था में लगे थे। विकिलीक्स ने दस्तावेजों के मुताबिक अजितसिंह की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के चार सांसदों को खरीदने के लिए 10-10 करो़ड रूपए दिए गए थे।
विकिलीक्स के दस्तावेजों में अमरीकी अधिकारियों ने सतीश शर्मा को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और सोनिया गांधी का करीबी बताया है। दस्तावेज के मुकाबिक अमरीकी दूतावास के एक अधिकारी को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सतीश शर्मा के एक सहयोगी ने रूपयों भरी दो तिजोरियां दिखाकर कहा था कि इनमें 50 से 60 करो़ड रूपए हैं, जिनका इस्तेमाल घूस के लिए किया जाना है। द हिंदू अखबार के मुताबिक नवंबर, 2008 में सतीश शर्मा के इस सहयोगी को अमरीकी विदेश मंत्रालय के आई-वोट कार्यक्रम के तहत अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव को देखने पर्यवेक्षक के बतौर भेजा था।
हालांकि अजित सिंह ने मीडिया से बातचीत में इन आरोपों से साफ इनकार किया है। उन्होंने विकिलीक्स के खुलासे को गलत ठहराते हुए कहा कि हमारे पास तीन सांसद थे, जबकि विकिलीक्स के मुताबिक हमारी पार्टी के चार सांसदों को पैसे मिले। उन्होंने कहा कि हम शुरू से ही डील के खिलाफ थे, पक्ष में वोट डालने का सवाल ही नहीं उठता। उनका कहना है कि विभिन्न दलों से सलाह मशविरे के बाद उनकी पार्टी ने अपना रूख पहले ही स्पष्ट कर दिया था। उल्लेखनीय है कि उस दौरान भारतीय जनता पार्टी के तीन सांसद लोकसभा में रूपयों से भरा बैग लेकर सदन में आए और उन्होंने आरोप लगाया था कि यह रूपए उन्हें संप्रग सरकार के विश्वासमत के दौरान अनुपस्थित रहने के लिए दिए गए थे। इस पर सदन में भारी हंगामा हुआ था। इस पर सरकार ने कहा था कि यह सरकार को बदनाम करने के लिए रची गई साजिश का हिस्सा है।
विकिलीक्स के मुताबिक जल डील पर मतदान में सिर्फ पांच दिन शेष रह गए थे, तो कांग्रेस के नेता सतीश शर्मा के सहायक नचिकेता कपूर वोटिंग में कुछ सांसदों को अपने पक्ष में करने के लिए भारी धनराशि की व्यवस्था में लगे थे। विकिलीक्स ने दस्तावेजों के मुताबिक अजितसिंह की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के चार सांसदों को खरीदने के लिए 10-10 करो़ड रूपए दिए गए थे।
विकिलीक्स के दस्तावेजों में अमरीकी अधिकारियों ने सतीश शर्मा को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और सोनिया गांधी का करीबी बताया है। दस्तावेज के मुकाबिक अमरीकी दूतावास के एक अधिकारी को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सतीश शर्मा के एक सहयोगी ने रूपयों भरी दो तिजोरियां दिखाकर कहा था कि इनमें 50 से 60 करो़ड रूपए हैं, जिनका इस्तेमाल घूस के लिए किया जाना है। द हिंदू अखबार के मुताबिक नवंबर, 2008 में सतीश शर्मा के इस सहयोगी को अमरीकी विदेश मंत्रालय के आई-वोट कार्यक्रम के तहत अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव को देखने पर्यवेक्षक के बतौर भेजा था।
हालांकि अजित सिंह ने मीडिया से बातचीत में इन आरोपों से साफ इनकार किया है। उन्होंने विकिलीक्स के खुलासे को गलत ठहराते हुए कहा कि हमारे पास तीन सांसद थे, जबकि विकिलीक्स के मुताबिक हमारी पार्टी के चार सांसदों को पैसे मिले। उन्होंने कहा कि हम शुरू से ही डील के खिलाफ थे, पक्ष में वोट डालने का सवाल ही नहीं उठता। उनका कहना है कि विभिन्न दलों से सलाह मशविरे के बाद उनकी पार्टी ने अपना रूख पहले ही स्पष्ट कर दिया था। उल्लेखनीय है कि उस दौरान भारतीय जनता पार्टी के तीन सांसद लोकसभा में रूपयों से भरा बैग लेकर सदन में आए और उन्होंने आरोप लगाया था कि यह रूपए उन्हें संप्रग सरकार के विश्वासमत के दौरान अनुपस्थित रहने के लिए दिए गए थे। इस पर सदन में भारी हंगामा हुआ था। इस पर सरकार ने कहा था कि यह सरकार को बदनाम करने के लिए रची गई साजिश का हिस्सा है।
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